tag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post4349646064322089184..comments2023-09-23T19:34:18.275+05:30Comments on अशोक पुनमिया का ब्लॉग: !! मन की व्यथा !!अशोक पुनमियाhttp://www.blogger.com/profile/15974447787475823514noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-74295309102477270592011-01-23T06:46:09.335+05:302011-01-23T06:46:09.335+05:30ग़ुलाम साहब, सही फरमाया आपने.बहुत से मित्रों को यह...ग़ुलाम साहब, सही फरमाया आपने.बहुत से मित्रों को यही लगा कि यह रूठी हुयी पत्नी या प्रेमिका के वियोग में लिखी गयी आपबीती है! वैसे नींद का रूठ जाना भी,पत्नी या प्रेमिका के रूठ जाने जितना ही बेचैन कर जाता है!आपकी अमूल्य टिप्पणी के लिए आपका शुक्रगुजार हूँ.अशोक पुनमियाhttps://www.blogger.com/profile/15974447787475823514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-1561308565138360472011-01-23T06:41:21.841+05:302011-01-23T06:41:21.841+05:30राजेश जी,मेरी रचना पसंद आई,आपका आभारी हूँ अपनी मूल...राजेश जी,मेरी रचना पसंद आई,आपका आभारी हूँ अपनी मूल्यवान राय देते रहिएगा.अशोक पुनमियाhttps://www.blogger.com/profile/15974447787475823514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-53438076034275896262011-01-23T06:39:48.536+05:302011-01-23T06:39:48.536+05:30रफत साहब,आपकी अमूल्य टिपण्णी के लिए शुक्रिया.रफत साहब,आपकी अमूल्य टिपण्णी के लिए शुक्रिया.अशोक पुनमियाhttps://www.blogger.com/profile/15974447787475823514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-38384773422717294472011-01-22T21:43:24.806+05:302011-01-22T21:43:24.806+05:30पूरी कविता न पढ़ी जाये तो प्रेमिका या पत्नी को मन...पूरी कविता न पढ़ी जाये तो प्रेमिका या पत्नी को मनाने की कविता प्रतीत होती है, पर आप तो नींद को मनाने में सारे फूल खिला दिए. वाह! बहुत सुन्दर !Ghulam Kundanamhttps://www.blogger.com/profile/00700775172489774329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-90638806366618694192011-01-20T18:05:22.580+05:302011-01-20T18:05:22.580+05:30एक अच्छी कविता पढ़वाने का शुक्रिया अशोक जीएक अच्छी कविता पढ़वाने का शुक्रिया अशोक जीराजेश चड्ढ़ाhttps://www.blogger.com/profile/13615403040017262901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2775810445168861141.post-37344677574477633242011-01-20T12:18:52.355+05:302011-01-20T12:18:52.355+05:30नींद को मुख्य बिंदु मान कर श्रीमान आपने मन कि व्या...नींद को मुख्य बिंदु मान कर श्रीमान आपने मन कि व्याथा शेयर कि है वास्तव में मुझे अपनी जिंदगी का आइना लग रही है और शायद हर पढ़नेवाले वाले को ऐसा ही लगेगा. यही सार्थक कविता कि पहचान है .rafathttps://www.blogger.com/profile/17913615512440685516noreply@blogger.com