****** *!! वजूद !! ******
''सूरज'' की चाहत हैवो 'रात' को निहारे !''रात'' की चाहत है वो 'सूरज' का दीदार करे !!
मगर दोनों के लिए ये मुमकिन नहीं !!अच्छा है.....शायद ये ही अच्छा है...दोनों ही के वजूद के लिए !!!
******************** पुनमिया *******
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vaah bhaayi vaah ashok ji chaand or surj ke miln ki bebsi khub khi he aapne . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंशाश्वत सत्य को आपने अपने अनूठे अंदाज़ में एक बिलकुल नया रूप देकर प्रस्तुत किया है .बहुत खूब .
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