शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

!! एक दिन !!

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एक दिन
तुम मिले थे
यूँही
किसी 'मोड़' पर, और तब
लगा था यूँ
कि
जिंदगी को शायद
अब
मिल गया है
एक खुबसूरत 'मोड़' !
लेकिन
अफ़सोस !
हालातो ने
मुझे
ऐसा 'मोड़ा'
कि
मैं
'मुड़ते-मुड़ते'
टूट ही गया !!
सही है !!!
जिस 'मोड़' पर
तुम मिले थे,
उसी 'मोड़' पर
मैं
पढ़ना भूल गया था
कि
'मोड़' पर
संभल कर चलें,
यहाँ
दुर्घटनाएं भी
होती है !!!!

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शनिवार, 5 नवंबर 2011

!! मुझे गर्व है तुम पर !!


बिटिया इन दिनों विदेश में है.वहां पिछले दिनों बर्फीला तूफ़ान आया...
उसी की कुछ तस्वीरें,मेरी बिटिया द्वारा ली गयी,जिसे मैं साझा कर 
 रहा हूँ.....अपनी भावनाओं के साथ....!

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बेटी,
तुम हो
सात समंदर पार
एक अनदेखी-अनजानी सी
जगह पर,
अजनबियों के बीच
बिलकुल नए माहोल में.
मुझे गर्व है
तुम पर
कि
तुमने
हिम्मत दिखाई
और कुछ सीखने का
ज़ज्बा लेकर
चली गयी
सात समंदर पार !
घर पर
जब तुम खाती थी
बर्फ का गोला भी
तो मैं
रोक देता था तुम्हें
यह कह कर
कि
सर्दी लग जायेगी,
ज़ुकाम हो जाएगा......
अब
सात समंदर पार तुम
बैठी हो
बर्फ से घिरी हुयी,
बर्फ के बीच में
तब भी मैं
बैखोफ हूँ
कि
मेरी बेटी में है
हिम्मत-साहस
और ज़ज्बा
कुछ सीखने का,
कुछ कर गुजरने का......
हर विपरीत परोस्थिति से
लड़ने का.......
हर हाल में
आगे ही आगे
बढ़ने का........
बेटी
मुझे गर्व है
तुम पर. 
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