अशोक पुनमिया का ब्लॉग
बुधवार, 24 नवंबर 2010
--- इंसानी फितरत ---
--- इंसानी फितरत ---
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ईश्वर-अल्लाह ने
बनाया था मुझे
'मुहब्बत'
लुटाने के लिए !
मैंने अपनी
'औकात'
दिखा दी,
मैं हो गया आमादा
उन्हीं को
लड़ाने के लिए !!
!!! सबको सन्मति दे भगवान् !!!
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1 टिप्पणी:
rafat
11 दिसंबर 2010 को 1:59 pm बजे
जी दुआ है सबको सन्मति मिले सुंदर लघु रचना है .शुक्रिया
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जी दुआ है सबको सन्मति मिले सुंदर लघु रचना है .शुक्रिया
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