.......देश के धन के रखवालों द्वारा,देश के धन की अनवरत 'चोरियां' चालू है !अवाम अपने देश के धन का हिसाब मांगे तो 'जिम्मेदार' लोग हिसाब देने को तैयार नहीं है !आम इंसान से जुड़े मुद्दों से, देश को दिशा देने वाले इन 'महानुभावों' को कोई मतलब नहीं है !
.......'कोयले' की कालिख में पुतने के बाद अब अजब-गज़ब कानून बनाने की तैयारी है ! अपनी संस्कृति को बेचने पर तुले लोग अब 'पत्नी' को भी घरेलु कर्मचारी घोषित कर 'पति' से 'वेतन' दिलवाने का 'पुण्यदायी' काम करने में लगे है !
.......इधर राज्यसभा में दो 'महानुभावों' ने 'कुश्ती' कर आने वाले समय का 'ट्रेलर' दिखा दिया है !'अन्ना' और 'रामदेव' को फिलहाल आंशिक रूप से विफल कर के 'सरकार' में 'दुस्साहस' हिलोरे ले रहा है !जात - पाँत और वोटों की राजनीति करने वाले कुर्सियों पर कब्ज़ा कर इस देश को मटियामेट करने में जी-जान से जुटे हैं !
.......भारत के भाग्य विधाता बन 'संसद' की शोभा बढाने वाले महानुभावों को उन लाखों गरीब बच्चों का ख्याल नहीं जो कुपोषण के शिकार हो कर मारे जा रहे हैं ! देश की उस गरीब जनता का ख्याल नहीं जो अपनी बीमारियों का धनाभाव के कारण उचित इलाज नहीं करवा पा रही और असमय मौत के मुंह में समा रही है !देश का गरीब दाने-दाने के लिए मोहताज है और वोटों की टुच्ची राजनीति में गले तक डूबी सरकार को इतनी भी फुर्सत नहीं कि सरकारी गोदामों में, जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण सड रहे अनाज की सुध ली जाए ! आखिर ये कैसी 'जनकल्याणकारी' सरकार है,जिसे 'घपलों-घोटालों' से ही फुर्सत नहीं है,और जिसकी छत्र-छाया में तथाकथित नेताओं की एक पूरी 'फौज' गुंडई-बदमाशी पर उतर आई है,और तमाम तरह के अनैतिक कार्यों में संलग्न है,और सरकार 'गठबंधन' धर्म निभा कर इस देश का दिवाला निकालने पर आमादा है !
.......'अन्ना'और 'रामदेव' के खिलाफ 'तलवारें' भांजने वाले 'देशभक्त' इस संकट की घडी में कोई तो उपाय बताएं ! 'अन्ना' और 'रामदेव' के जन आन्दोलन को कईं 'किन्तु-परन्तु' लगा कर देखने वाले अब तो आगे आयें,या कि उन्हें अभी भी इंतज़ार है देश की दशा बद से बदतर होने का ???देश हित में खड़े होने वालों की टांग खींचने वाले,आखिर अब खुद क्यूँ नहीं अपने कदम बढाते इस देश की दशा सुधारने के लिए...??? या कि इस 'खेल' और इसके 'खिलाड़ियों' में उनकी भी सहभागिता है ????
.......'कोयले' की कालिख में पुतने के बाद अब अजब-गज़ब कानून बनाने की तैयारी है ! अपनी संस्कृति को बेचने पर तुले लोग अब 'पत्नी' को भी घरेलु कर्मचारी घोषित कर 'पति' से 'वेतन' दिलवाने का 'पुण्यदायी' काम करने में लगे है !
.......इधर राज्यसभा में दो 'महानुभावों' ने 'कुश्ती' कर आने वाले समय का 'ट्रेलर' दिखा दिया है !'अन्ना' और 'रामदेव' को फिलहाल आंशिक रूप से विफल कर के 'सरकार' में 'दुस्साहस' हिलोरे ले रहा है !जात - पाँत और वोटों की राजनीति करने वाले कुर्सियों पर कब्ज़ा कर इस देश को मटियामेट करने में जी-जान से जुटे हैं !
.......भारत के भाग्य विधाता बन 'संसद' की शोभा बढाने वाले महानुभावों को उन लाखों गरीब बच्चों का ख्याल नहीं जो कुपोषण के शिकार हो कर मारे जा रहे हैं ! देश की उस गरीब जनता का ख्याल नहीं जो अपनी बीमारियों का धनाभाव के कारण उचित इलाज नहीं करवा पा रही और असमय मौत के मुंह में समा रही है !देश का गरीब दाने-दाने के लिए मोहताज है और वोटों की टुच्ची राजनीति में गले तक डूबी सरकार को इतनी भी फुर्सत नहीं कि सरकारी गोदामों में, जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण सड रहे अनाज की सुध ली जाए ! आखिर ये कैसी 'जनकल्याणकारी' सरकार है,जिसे 'घपलों-घोटालों' से ही फुर्सत नहीं है,और जिसकी छत्र-छाया में तथाकथित नेताओं की एक पूरी 'फौज' गुंडई-बदमाशी पर उतर आई है,और तमाम तरह के अनैतिक कार्यों में संलग्न है,और सरकार 'गठबंधन' धर्म निभा कर इस देश का दिवाला निकालने पर आमादा है !
.......'अन्ना'और 'रामदेव' के खिलाफ 'तलवारें' भांजने वाले 'देशभक्त' इस संकट की घडी में कोई तो उपाय बताएं ! 'अन्ना' और 'रामदेव' के जन आन्दोलन को कईं 'किन्तु-परन्तु' लगा कर देखने वाले अब तो आगे आयें,या कि उन्हें अभी भी इंतज़ार है देश की दशा बद से बदतर होने का ???देश हित में खड़े होने वालों की टांग खींचने वाले,आखिर अब खुद क्यूँ नहीं अपने कदम बढाते इस देश की दशा सुधारने के लिए...??? या कि इस 'खेल' और इसके 'खिलाड़ियों' में उनकी भी सहभागिता है ????
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