वाह वाह अशोक साहिब सलाम आपकी रचना को ..गोडसे का रास्ता बहुत ही आसान नज़र आता है हमें कसेला यथार्थ है ,सच में बापू आज चुल्लू भर पानी बिना ही मर जाते .ये लूट खसोट -गिरते मूल्य ,बईमानी का नरक को दिखाती सार्थक रचना है .पर किस पर असर होता है हम सभी चिकने घड़े हैं स्वार्थी अपने मतलबों के दास ,खूब लिखा है आपने .हे राम !
bhut susndr or nye andaaz men prtikatmk prstuti bdhaayi ho . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंवाह वाह अशोक साहिब सलाम आपकी रचना को ..गोडसे का रास्ता बहुत ही आसान नज़र आता है हमें कसेला यथार्थ है ,सच में बापू आज चुल्लू भर पानी बिना ही मर जाते .ये लूट खसोट -गिरते मूल्य ,बईमानी का नरक को दिखाती सार्थक रचना है .पर किस पर असर होता है हम सभी चिकने घड़े हैं स्वार्थी अपने मतलबों के दास ,खूब लिखा है आपने .हे राम !
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