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प्रिय मित्रों,इस गर्मी में हाल बेहाल है,और बस,बाकी सब ठीक है !
मैंने तो नहीं मापा,लेकिन अखबार वाले बता रहे हैं कि आज-कल पारा 43-44 के आस-पास चल रहा है,अब ऐसे में आप जानों कि क्या हालत होती होगी !शारीर सारे दिन पसीने से लथ-पथ रहता है.पर इसका भी एक फायदा है,आज-कल स्नान नहीं करना पड़ता ! क्योंकि शारीर वैसे ही पसीने से पानी-पानी हो जाता है ! हाँ, तौलिये से पोंछने की कसरत ज़रूर करनी पड़ती है ! वैसे,बाकी सब ठीक है !
घर से बाहर निकलो तो 'लू' के थपेड़े थप्पडें मार-मार कर गाल लाल कर देते हैं ! पर इसका भी एक फायदा है,जब भी 'चाय' पीने की इच्छा होती है,मुंह में थोड़ा दूध,चाय -पत्ती,और शक्कर डाल कर 'लू' में निकल लेते हैं और एक उबाल आते ही गटक लेते हैं !वैसे,बाकी सब ठीक है!
दिन के उजाले में बिजली की ज़रूरत नहीं होती इसलिए बिजली विभाग बिजली नहीं देता,और रात में 'पॉवर -कट' चलता है इसलिए बिजली नहीं आती !ऐसे में रात में अगर घर में निचे सोएं तो रात भर नींद नहीं आती,इसलिए छत पर सोने चले जाते हैं.हालांकि नींद तो छत पर भी नहीं आती,लेकिन इसका भी एक फायदा है,कि पूरी रात 'तारे' और 'मच्छर' गिन-गिन कर आसानी से काटी जा सकती है!वैसे बाकी सब ठीक है !
माफ़ करना,अपना ही हाल बताता गया,आपका तो पूछा ही नहीं !वैसे बाकी सब ठीक है,लेकिन फिर भी अगर इस गर्मी में ''बाकी''कुछ बच गया हो तो आप भी बताइये !
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