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....पहले कनिमोड़ी.......फिर राजा.......अब कलमाड़ी.......सभी बाहर ....!!
धीरे-धीरे बात पुरानी होगी......लोग भूलते जायेंगे.......!!बोफोर्स को भी भूले ही थे........चुरहट लाटरी को भी भूले ही थे..........सीमेंट काण्ड को भी भूले ही थे........!!
क्या बिगड़ा किसी का......!!
''माल'' खा कर मुटियाए लोग आज भी मजे कर रहे हैं....!!
'सरकार' की मंशा हमेशा ही पूरी हुई है....,भ्रष्टाचार के मामले को इतना लटका दो कि 'गुनाहगार' 'लटकने' से बच जाए ....!!
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इन दिनों देश में इक्का-दुक्का,छोटे-मोटे सरकारी कारिंदे ,जिनकी 'पगार'१५-२० हजार मासिक के लगभग है,करोड़ों के काले धन के आरोप में पकडे जा रहे हैं !ऐसे कईं लाख सरकारी कारिंदे इस देश में हैं............उनके पास कितना काला धन होगा...????
इन छोटे-मोटे सरकारी कारिंदों के कईं 'माई-बाप' उनसे ऊँचे ओहदों पर बैठे हैं......और उनके भी 'माई-बाप' 'सरकारों' में मंत्री-संत्री,चेले-चपाटे के रूप में मौजूद है.....!!उनके काले धन का क्या कोई ओर-छोर होगा.??? कब पड़ेंगे इनके यहाँ छापे....??? क्या पड़ेंगे भी.....???या कि 'मगरमच्छ' बचे रहेंगे.....सिर्फ छोटी 'मछलियाँ' पकड़ी जाती रहेंगी.....???!!!,ताकि भ्रम बना रहे कि सफाई अभियान जारी है.....!!
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