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देख बन्दे देख हर रोज एक नया घोटाला देख !किस नेता ने किया मुंह अपना अब काला देख !!
देशवासी है मुखर भ्रष्ट-सफेदपोशों की चालों पर,
कब खुलेगा 'मनमोहन' के मुंह पे लगा ताला देख !
बच्चा-बच्चा देख रहा है चोरों और बेईमानों को,
सी.बी.आई.की आँख से कब हटेगा जाला देख !
सुनो बंधू जरा गौर से,सिसक रही है माँ भारती,
लोकतंत्र के मुंह पर उगता नित नया छाला देख !
आ गया है वक़्त अब तू भी हवा दे ए 'अशोक',
सीने में तेरे भी कब से धधक रही है ज्वाला देख !
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