मंगलवार, 29 मई 2012

!! लोकतंत्र के बहुरुपीये !!

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......उत्तर प्रदेश की विधान सभा में बीते कल घमासान हुआ ! हालांकि इसमें ऐसा कुछ भी ऐसा नहीं है जो कि वहां पहले कभी नहीं हुआ हो ! बल्कि इससे भी भीषण द्रश्य वहां की विधानसभा में पहले भी कईं बार उपस्थित हो चुके हैं.और इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश का राजनैतिक चरित्र देखते हुए यह भी सहज ही कहा जा सकता है कि कल की 'महाभारत' भी कोई अंतिम नहीं थी !
......जनता के चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने राज्यपाल महोदय पर कागज़ के गोले बना कर फेंके ! अब सोचने वाली बात ये है कि विधान सभा,जिसमे कि सुरक्षा का बंदोबस्त भी होता है,और जहां 'केमरे' की आँख भी सब निगरानी करती है,वहां पर भी कागज़ के गोले बना कर फेंकने वाले 'पराक्रमी' लोग विधान सभा के बाहर क्या नहीं करते होंगे ! यदा-कदा आदरणीय जन-प्रतिनिधियों के बारे में आने वाली ह्त्या,लूट,बलात्कार की ख़बरों पर,इस तरह का आचरण देख कर,विश्वास नहीं करनेका कोई कारण समझ में नहीं आता !
......मजेदार बात तो ये है कि 'बी एस पी' के एक नेता जी वर्तमान सरकार पर जो तमाम तरह के आरोप लगा रहे थे,जब उनकी सरकार थी,ये ही आरोप उन पर भी लगते थे ! अब सरकार चाहे समाजवादी पार्टी की हो या बी एस पी की,उतरप्रदेश में दोनों का चरित्र कैसा रहा है,यह किसी से भी छुपा नहीं है ! ''हाथी'' वालों ने 'हाथीनुमा' घोटाले करने में कोई कसर नहीं छोड़ी,तो ''समाजवादियों'' ने जेल की हवा खा चुके एक एक 'जनप्रतिनिधि' को 'जेल' का महकमा सौंप कर सच्चा'समाजवाद' लाने में अपनी प्रतिबद्धता दिखला दी !
.......इस सब तमाशे में बेचारी जनता सर पकड़ कर बैठी है और सोच रही है कि आखिर 'सांपनाथों और नागनाथो' से पीछा कब छूटेगा ! सत्ता पर पालथी मार कर बैठे हुए धनबली और बाहुबली मिल बाँट कर सत्ता सुख भोग रहे हैं और जनता भूख-गरीबी-भ्रष्टाचार में पिसती ही जा रही है !
......इधर,सत्ता में बैठ कर धमाचौकड़ी मचाने वाले कईं महामहिमों पर ''टीम अन्ना'' ने ऊँगली उठायी है,जो सच के काफी करीब दिखती है ! घपलों-घोटालों और सत्ता के मद में चूर लोगों का अटूट रिश्ता है.उत्तर प्रदेश में सभी जानते हैं ''हाथी'' कितना खा गया....अब देखने वाली बात ये होगी कि ''साईकिल'' कितना कुछ लेकर 'रफूचक्कर' होती है ! यही हाल हर राज्य के सत्ताधीशों का है !
......अभी परसों ही एक नामचीन 'नेताजी' के नामचीन 'सुपुत्र नेताजी' को सी बी आई ने काफी जद्दोजहद के बाद धर दबोचा ! देश के धन को 'बाप का माल' समझ कर तिजोरी भरने का परिणाम है ये ! 'टीम अन्ना' के कहेनुसार अगर प्रधानमन्त्री जी अपने मंत्रियों की जांच करवा दें तो 'सलाखों' के पीछे कईयों का नंबर लग सकता है.....! जिस दिन जांच करवाने से'कतराने' और 'लीपापोती' करने पर अंकुश लग जाएगा,अधिकाँश स्वयंभू भारत भाग्य विधाता, सफेदपोश जन-सेवक,लोकतंत्र के बहुरुपीए,कुर्सी-प्रेमी,देशखाऊ.....''महानुभाव''अपनी 'असली जगह' को प्राप्त हो जायेंगे,और संसद से लेकर विधान सभाओं तक में 'जन-प्रतिनिधियों' का टोटा हो जाएगा !!
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