शुक्रवार, 29 जून 2012

!! बारिश, नेता और अफसर !!

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.....प्रकृति ने बारिश को न्योता भेज दिया है....,लेकिन बारिश का 'मूड' कुछ उखड़ा-उखड़ा सा लग रहा है...!
.....पिछले कुछ दिनों से बादलों का चहल-कदमी करते हुए मेरे गाँव से निकल जाना ज़ारी है...ऐसा लग रहा है बारिश द्वारा धकियाये गए बादल,धरती के जीवों को चिढाने निकले हैं...!! 
.....थके परिंदों,मुंह लटकाए खड़े पेड़-पौधों,निढाल जानवरों और पसीनें से तरबतर इंसानों पर 'सूरज दादा' का 'भरपूर' आशीर्वाद भारी पड़ रहा है !
.....इधर घर में लगी 'टोंटियों' से पानी कम,हवा ज्यादा आने लगी है......गाँवों के कुओं पर सुबह से शाम तक मायूसियों के मेले लगने लगे हैं.....किसान की ललाट में एक 'सलवट' का और इजाफा हो गया है.....और 'दफ्तर' में बैठे 'साहब',जो अब तक 'बिसलेरी' पीते थे, अब  'बिसलेरी' से नहाने की तैयारी करते हुए कह रहे हैं कि 'ये तो ऐसा ही चलेगा...!!!'
.....फिलहाल बारिश, नेता और अफसर,सभी अवाम की ऐसी तैसी सी करते लग रहे हैं....देखें आगे क्या होता है....!!!!
.....बहरहाल,मेरा होंसला बरकरार है,और मैं आपको हिम्मत जुटा कर आने वाले वक़्त के लिए शुभकामनाएं  देता हूँ !!!! 
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