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......हिन्दुस्तान खाने-पिने के शौक़ीन लोगों का देश है ! यहाँ खाना-पीना अनवरत चालु रहता है ! इंसान घर में रहे तो कुछ ना कुछ खाता रहता है.....दफ्तर में जाने के बाद भी अपनी परम्परा निभाता रहता है...!ऑफिस में ऑफिशियाली टेबल के 'ऊपर' से खाता है,और अनऑफ़िशियलि टेबल के 'निचे' से खाता है!मतलब खाना-पीना कभी रुकता नहीं!
......राजनीति में तो एक से एक महारथी हुए हैं ! सीमेंट,चूना,राशन,सड़कों में खाने वाले तो यहाँ थोक में मिलेंगे जिनका हिसाब रखना भी नानी की याद दिला सकता है ! महाधुरंधरों ने तो 'तोपों,गोला-बारूद,हवाई जहाज़ों,पनडुब्बियों, हेलिकोप्टरों तक को नहीं छोड़ा ! इनको पुरा का पुरा निगल गए और डकार तक नहीं ली ! बचपन के खाने-पीने के शौक ने हाजमा इतना मज़बूत बना दिया कि हर चीज़ हज़म...! 'गौ माता' जब उपवास करने लगी और उसके 'थन' मे से दूध की जगह जब आँखों में पानी आने लगा तो पता चला कि कोई 'स्वनाम धन्य' देश खवैया, गौमाता का चारा ही चर गया है ! अब गौमाता कहाँ अर्जी लगाती ?बेचारी गौमाता यही सोच-सोच कर अपना ग़म कम करती रही कि जिसने भी मेरा चारा खाया होगा वो भी आखिर 'दूध' ही देता होगा ! लेकिन उसे ये देख कर बड़ा दुःख हुआ कि कमबख्त 'वे' सिर्फ 'गोबर' दे रहे हैं....और वो भी किसी काम का नहीं !
......कहते हैं कि "कोयले की दलाली में हाथ काले हो जाते हैं !' होते होंगे ! हमारे लीडरों के पास तो इसका भी तोड़ है ! कोयले को हाथ लगाओ तो हाथ काले होंगे....,अगर सीधा का सीधा उसे 'डकार' ही जाओ तो कहाँ से हाथ काले होंगे ? तो भाई लोग डकार ही गए कोयला ! अब ये अलग बात है कि वो कोयला अन्दर जा कर धधक रहा है और उसकी आंच से बहुत कुछ जल रहा है !! अब बेचारे कोयला खाऊ लोग करते भी क्या....? उन्होंने तो ''कोयले की दलाली...'' वाली कहावत ही सुन रखी थी....! उन्हें थोड़ी ना पता था कि ये कोयला अन्दर जा कर भी धधक सकता है...!!
......अब देखिये, इस देश को ''मामू'' बनाना ही बाकी रह गया था ! 'रेल' ही जब 'मामाश्री' की हो तो फिर तो पूरा 'रेल मंत्रालय' ही 'ननिहाल' हो गया.....और 'नहिहाल' में तो फिर कुछ भी किया जा सकता है.....! 'मामा' की बहती गंगा में अगर 'भांजा' हाथ ना धोएगा तो फिर कौन धोएगा...?
......डूबते हुए ज़हाज़ को देख कर ज़हाज़ पर सवार 'चूहे' अपना जुगाड़ करने में लगे हैं......!! अभी तो आगे-आगे देखिये कईं भांजे,भतीजे,बेटे,चाचा,ताऊ,फूफा, गुल खिलाने बाकी है...!!!
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jordaar chanta mara
जवाब देंहटाएंडाक्टर साहब,टिप्पणी के लिए आभार.
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