*****************************************
!!!!! हाय डेड !!!!!
*****************************************
हाय डेड,
आज खुश हो जाओ
आज आपका दिन है !
''अच्छा''!
हाँ 'डेड',
आज 'फादर्स डे' है !!
''अच्छा''!
हां डेड,
बोलो डेड
आपको क्या चाहिए......,
मोबाईल भिजवा दूँ.....
लेपटॉप.......
या कि टेबलेट ठीक रहेगा....!
''अरे नहीं-नहीं बेटा.....''
अरे डेड
आज तो कुछ ना कुछ 'गिफ्ट' दूंगा ही....
अच्छा तो
आप कहो तो
ब्रांडेड घडी......
शू.........
बेल्ट......
वॉलेट.......
का पैकेज ही भिजवा देता हूँ.....
''अरे नहीं-नहीं बेटा.....''
अरे डेड,
आज तो आपका दिन है.....
आज तो आप जो भी मांगो
मैं देकर ही रहूंगा.......!!
''अच्छा बेटा,
थोड़ा समय निकाल कर
घर आ जाओ,
मुझे और तुम्हारी मां को
तुम्हारा थोड़ा सा समय चाहिए.....''
''ओह डेड......
सॉरी......
ये क्या मांग दिया आपने......????
सॉरी डेड..... सॉरी.....!!!!!!
*****************************************
????????? हेप्पी फादर्स डे ?????????
*****************************************
बाप बेटे में बातों का जमा - खर्च
जवाब देंहटाएंअब यही बचा......
क्यों पालते हैं ये ढकोसला दुनिया वाले
बहुत खूब अशोक जी
जवाब देंहटाएंशुक्र है ज़माने का रंग अपने बच्चों पर नहीं चढ़ा
यशोदा जी,
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए शुक्रिया.
ढकोसले और बाज़ार के हाथों में ही कैद हो कर रह गए हैं आज रिश्ते....!
मत माँगो जो ,उनके पास नहीं है :
जवाब देंहटाएंसब पिताओं (माताओं की भी)इतनी सामर्थ्य बनी रहे कि वे खुश रहने का रास्ता खुद ढूँढ लें!
पिता को प्रेम के अलावा कुछ नहीं चाहिए होता, जो आज की पीढ़ी दे नहीं पाती...एक कटु सत्य..सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएं