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.....दोस्तों एक मजेदार बात आपसे शेयर कर रहा हूँ.
.....ऐसी बातें मैनें कईं बार लोगों से सुनी थी,किन्तु इसका कभी प्रत्यक्ष अनुभव नहीं हुआ था,लिहाजा ऐसी बातों पर कभी गौर किया ही नहीं!
.....पिछले लग भग दो महीनों से एक 'गाय' प्रतिदिन मेरे घर के पिछले दरवाज़े पर आकर दस्तक देती है,और हमारे यहाँ से उसे रोटी या उसके ही जैसा कुछ जब खाने को मिल जाता है तो लौट जाती है !शुरू-शुरू में तो मुझे लगा की गलती से कोई गाय पिछले दरवाज़े से टकराई होगी....लेकिन ये घटना जब प्रतिदिन घटने लगी तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा!!कमाल ये,कि घर के पिछ्ले दरवाज़े पर ये गाय बिलकुल वैसे ही दस्तक देती है जैसे कोई इंसान आकर देता है !
.....अब तो मेरे घरवालों को भी आदत सी हो गयी है......उस गाय का इंतज़ार भी रहता है.......और वो भी हमें निराश नहीं करती है....!!!
.....आप क्या कहेंगे इस बारे में ?????
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thats called Love...well done bhai sahab...lovely blog..!!!
जवाब देंहटाएंवंश भाई,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए शुक्रिया.
आपने सही कहा-ये शायद प्रेम का ही कोई रिश्ता है....!आज-कल इंसान,इंसान से दूर भाग रहे हैं,ऐसे में किसी मूक जानवर का ऐसा व्यवहार आश्चर्यचकित ही करता है!
कुत्ते तो आते थे... मगर गाय ....
जवाब देंहटाएंबबन भाई,
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से 'गाय' तो 'कुत्ता' नहीं बन सकती.....हाँ,अपने अच्छे कर्मों से कोई 'कुत्ता','गाय' ज़रूर बन गया हो.....और वो ही आता हो.... :))
बहरहाल,ये आश्चर्यजनक सत्य अछा लग रहा है मुझे.
मेरे ब्लॉग पर निशाँ छोड़ने के लिए आभार.
pyar ke liye bhasha ki jaroorat nahi
जवाब देंहटाएंसिक्ता जी,सहमत हूँ आपकी बात से.
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए शुक्रिया.