तारीफ़ वो किसी की करेंगे भी तो कैसे अहम में अपने ही जो लबालब भरे हैं...सुंदर पंक्तियाँ,पूरी मुक्तिका ही सच्ची और सामयिक है जो आज के हालात का वास्तविक दर्पण है.
तारीफ़ वो किसी की करेंगे भी तो कैसे
जवाब देंहटाएंअहम में अपने ही जो लबालब भरे हैं...सुंदर पंक्तियाँ,पूरी मुक्तिका ही सच्ची और सामयिक है जो आज के हालात का वास्तविक दर्पण है.